| Story Update : Thursday, June 21, 2012 12:50 AM |
जीडीए की जांच रिपोर्ट में जिक्र: क्यों सोते रहे अभियंता अमर उजाला ब्यूरो गाजियाबाद। मै. अल्ट्रा होम कंस्ट्रक्शन कंपनी को दो टावरों में 170 फ्लैट्स बनाने में कम से कम दो साल का समय लगा होगा। तब तक कंपनी अवैध निर्माण करती रही और जीडीए के आरोपी अभियंता आंखें मूंदे बैठे रहे। 23 जुलाई 2010 को कंपनी का कंपाउंडिंग मैप भी इन्हीं अभियंताओं ने मंजूर किया। शासन ने जीडीए की जांच के इन्हीं बिंदुओं को कार्रवाई का आधार बनाते हुए प्राधिकरण के पांच अभियंताओं को मंगलवार को निलंबित किया। न्यायखंड-दो में कंपनी द्वारा बनाए गए आम्रपाली विलेज के टावरों की जांच जीडीए अधिकारियों ने की थी। जांच में स्वीकृत मानचित्र और कंपाउंडिंग के बाद भी कंवीनिएंट शॉप और लैंडस्केप ग्रीन एरिया की जगह दो टावर का निर्माण मिला था। जीडीए की जांच टीम ने इंजीनियरिंग दृष्टिकोण से इन टावर के निर्माण में कम से कम से दो साल का समय लगने की बात कही थी। अभियंताओं की मिलीभगत के बिना इतने लंबे समय तक अवैध निर्माण नहीं हो सकता। जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि कंपाउंडिंग कराने के बाद आरोपी अभियंताओं ने शमन शुल्क भी नहीं जमा करवाया। इस दौरान क्षेत्र में अवर अभियंता उस्मान अली, हरिओम गुप्ता, केके शुक्ला, जेबी सिंह और सहायक अभियंता पीके शर्मा (द्वितीय) कार्यरत रहे थे। शासन तक पहुंची जांच रिपोर्ट में इन बिंदुओं ने अभियंताओं पर कार्रवाई न होने के रास्ते बंद कर दिए। शासन ने भी अवैध निर्माण करवाने में अभियंताओं की मिलीभगत को स्वीकारते हुए निलंबन की कार्रवाई की है। जीडीए सूत्रों के मुताबिक अभी तक कार्रवाई से बच जाने वाले दागी अभियंताओं को करारा सबक मिला है। |
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Raj Kumar Raju
President, Mahagun Mascot RWA
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