मीटर चौड़ी लिंक रोड के निर्माण की बाधा दूर
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने चार एकड़ जमीन चिपियाना में दी
भूमि को विकसित कर जीडीए करेगा प्लाटों का आवंटन
लिंक रोड की 650 मीटर सड़क के निर्माण को मिले 15 करोड़
क्रासिंग रिपब्लिक की सड़क भी होगी चौड़ी
गाजियाबाद। तीन माह बाद एनएच-24 से ग्रेटर नोएडा आप सिर्फ 15 मिनट में पहुंच जाएंगे। ग्रेटर नोएडा से एनएच-24 तक आने वाले लिंक रोड के 650 मीटर लंबे हिस्से के निर्माण की बाधा दूर हो गई है।
इस हिस्से में आने वाले करीब 125 मकानों में रहने वाले लोगों को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने प्लाट देने के लिए जीडीए को चिपियाना में चार एकड़ भूमि देने का निर्णय लिया है। साथ ही 650 मीटर सड़क निर्माण के लिए जीडीए को 15 करोड़ रुपये भी मिलेंगे।
इसके साथ ही क्रासिंग रिपब्लिक
की मुख्य रोड का भी
चौड़ीकरण होगा।
सोमवार को यह फैसला ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ और जीडीए उपाध्यक्ष की हुई बैठक में हुआ है। इस फैसले से कई वर्षों से ग्रेटर नोएडा-एनएच-24 लिंक रोड का बंद पड़ा काम पूरा होगा। साथ ही इस लिंक रोड पर जिन लोगों के मकान आ रहे हैं वह भी खुश है। यह लोग लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। इनके विरोध की वजह से ही काम पूरा नहीं हो पा रहा था।
एनएच 24-ग्रेटर नोएडा लिंक रोड का रोड़ा दूर
2011 में 17 जनवरी को जीडीए ने सड़क बनाने का काम शुरू किया था। सिद्धार्थ विहार के नागरिकों ने जीडीए पर उजाड़ने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस पर जीडीए ने पुनर्वास के लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से पांच एकड़ और जमीन की मांग रखी थी।
जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि रोड निर्माण की राह में आने वाले करीब 250 लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था के लिए ग्रेनो अथॉरिटी चार एकड़ जमीन और 15.70 करोड़ रुपये देने पर राजी हो गई है। जल्द ही पुनर्वास और रोड का निर्माण शुरू किया जाएगा।
भाजपा नेता यतेंद्र नागर ने बताया कि बीते डेढ़ साल से मुआवजे के लिए धरना जारी था। मुआवजे के पैटर्न के मुताबिक 75 वर्गमीटर तक जमीन के मालिकों को 30 वर्गमीटर और इससे अधिक वालों को 50 वर्गमीटर तक जगह दी जाएगी।
जाम और लंबी दूरी से छुटकारा
दरअसल, ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद जाने के लिए लाल कुंआ वाला ही रास्ता है। जैसे ही ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद की सीमा में प्रवेश करते हैं, जाम मिलना शुरू हो जाता है। सड़क भी टूटी हुई है। जैसे ही 80 मीटर चौड़ी सड़क बनेगी, गाजियाबाद एनएच-24 तक जाने में ग्रेटर नोएडा से मात्र 15 मिनट और एक्सटेंशन से पांच मिनट लगेंगे। नोएडा के लोग भी इसका प्रयोग कर सकेंगे।
03 महीने में बन जाएगी सड़क
रोड बनने के बाद एनएच-24 से ग्रेटर नोएडा (न्यू हालैंड फैक्ट्री) का सफर मात्र 10 मिनटों में पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा जीडीए की बहरामपुर में आने वाली आवासीय योजना को भी रोड निर्माण के बाद गति मिलेगी। जीडीए उपाध्यक्ष ने सोमवार को बताया कि रोड के अधूरे हिस्से का निर्माण तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा आवागमन करने वाले शहरवासियों को रोड निर्माण से खासी राहत मिलेगी।
एक नजर में रोड का गणित
4.5 किलोमीटर लंबी रोड का तीन किलोमीटर हिस्सा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बना चुकी है।
1.5 किलोमीटर का हिस्सा जीडीए को बनाना है। इसमें 850 मीटर का हिस्सा जीडीए बना चुका है। बाकी 650 मीटर का हिस्सा बनना है। रोड निर्माण की कुल लागत 51 करोड़ रुपये है। जीडीए और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आधी-आधी लागत वहन कर रहे हैं। ग्रेनो अथॉरिटी ने रकम के अलावा सात एकड़ जमीन देने का वादा किया था। अथॉरिटी पूर्व में दो एकड़ जमीन और 10 करोड़ रुपये दे चुकी है। सोमवार को बाकी चार एकड़ जमीन और 17.50 करोड़ रुपये देने पर सहमति हुई है। वर्तमान में चार लेन की इस सड़क को ट्रैफिक बढ़ने पर छह लेन तक चौड़ा किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने चार एकड़ जमीन चिपियाना में दी
भूमि को विकसित कर जीडीए करेगा प्लाटों का आवंटन
लिंक रोड की 650 मीटर सड़क के निर्माण को मिले 15 करोड़
क्रासिंग रिपब्लिक की सड़क भी होगी चौड़ी
गाजियाबाद। तीन माह बाद एनएच-24 से ग्रेटर नोएडा आप सिर्फ 15 मिनट में पहुंच जाएंगे। ग्रेटर नोएडा से एनएच-24 तक आने वाले लिंक रोड के 650 मीटर लंबे हिस्से के निर्माण की बाधा दूर हो गई है।
इस हिस्से में आने वाले करीब 125 मकानों में रहने वाले लोगों को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने प्लाट देने के लिए जीडीए को चिपियाना में चार एकड़ भूमि देने का निर्णय लिया है। साथ ही 650 मीटर सड़क निर्माण के लिए जीडीए को 15 करोड़ रुपये भी मिलेंगे।
इसके साथ ही क्रासिंग रिपब्लिक
की मुख्य रोड का भी
चौड़ीकरण होगा।
सोमवार को यह फैसला ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ और जीडीए उपाध्यक्ष की हुई बैठक में हुआ है। इस फैसले से कई वर्षों से ग्रेटर नोएडा-एनएच-24 लिंक रोड का बंद पड़ा काम पूरा होगा। साथ ही इस लिंक रोड पर जिन लोगों के मकान आ रहे हैं वह भी खुश है। यह लोग लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। इनके विरोध की वजह से ही काम पूरा नहीं हो पा रहा था।
एनएच 24-ग्रेटर नोएडा लिंक रोड का रोड़ा दूर
2011 में 17 जनवरी को जीडीए ने सड़क बनाने का काम शुरू किया था। सिद्धार्थ विहार के नागरिकों ने जीडीए पर उजाड़ने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस पर जीडीए ने पुनर्वास के लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से पांच एकड़ और जमीन की मांग रखी थी।
जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि रोड निर्माण की राह में आने वाले करीब 250 लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था के लिए ग्रेनो अथॉरिटी चार एकड़ जमीन और 15.70 करोड़ रुपये देने पर राजी हो गई है। जल्द ही पुनर्वास और रोड का निर्माण शुरू किया जाएगा।
भाजपा नेता यतेंद्र नागर ने बताया कि बीते डेढ़ साल से मुआवजे के लिए धरना जारी था। मुआवजे के पैटर्न के मुताबिक 75 वर्गमीटर तक जमीन के मालिकों को 30 वर्गमीटर और इससे अधिक वालों को 50 वर्गमीटर तक जगह दी जाएगी।
जाम और लंबी दूरी से छुटकारा
दरअसल, ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद जाने के लिए लाल कुंआ वाला ही रास्ता है। जैसे ही ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद की सीमा में प्रवेश करते हैं, जाम मिलना शुरू हो जाता है। सड़क भी टूटी हुई है। जैसे ही 80 मीटर चौड़ी सड़क बनेगी, गाजियाबाद एनएच-24 तक जाने में ग्रेटर नोएडा से मात्र 15 मिनट और एक्सटेंशन से पांच मिनट लगेंगे। नोएडा के लोग भी इसका प्रयोग कर सकेंगे।
03 महीने में बन जाएगी सड़क
रोड बनने के बाद एनएच-24 से ग्रेटर नोएडा (न्यू हालैंड फैक्ट्री) का सफर मात्र 10 मिनटों में पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा जीडीए की बहरामपुर में आने वाली आवासीय योजना को भी रोड निर्माण के बाद गति मिलेगी। जीडीए उपाध्यक्ष ने सोमवार को बताया कि रोड के अधूरे हिस्से का निर्माण तीन माह में पूरा कर लिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा आवागमन करने वाले शहरवासियों को रोड निर्माण से खासी राहत मिलेगी।
एक नजर में रोड का गणित
4.5 किलोमीटर लंबी रोड का तीन किलोमीटर हिस्सा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बना चुकी है।
1.5 किलोमीटर का हिस्सा जीडीए को बनाना है। इसमें 850 मीटर का हिस्सा जीडीए बना चुका है। बाकी 650 मीटर का हिस्सा बनना है। रोड निर्माण की कुल लागत 51 करोड़ रुपये है। जीडीए और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आधी-आधी लागत वहन कर रहे हैं। ग्रेनो अथॉरिटी ने रकम के अलावा सात एकड़ जमीन देने का वादा किया था। अथॉरिटी पूर्व में दो एकड़ जमीन और 10 करोड़ रुपये दे चुकी है। सोमवार को बाकी चार एकड़ जमीन और 17.50 करोड़ रुपये देने पर सहमति हुई है। वर्तमान में चार लेन की इस सड़क को ट्रैफिक बढ़ने पर छह लेन तक चौड़ा किया जाएगा।
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